The Thirsty Crow Story in Hindi - प्यासा कौवा की कहानी। मेरे प्रिय दोस्तों, आज के इस पोस्ट मे हम पढ़ने वाले हैं "The Thirsty Crow Story in Hindi" यानी प्यासा कौवा की कहानी।
यह बहुत पुरानी कहानी है। छोटे बच्चों के किताबों मे यह कहानी अक्सर देखने को मिल जाती है। Pyasa kowa ki kahani बहुत ही प्रेरणादायक है, इसीलिए आज भी इसकी प्रसिद्धि मे कोई कमी नही हुई है और आज भी बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी के बीच बहुत मशहूर है।
प्यासा कौवा की कहानी | The Thirsty Crow Story In Hindi
अगर आप चाहे तो इस कहानी को video के रूप मे यहाँ देख सकते हैं। ये video hindi stories kahaniya youTube channel से ली गयी है।
आईये पढ़ते हैं प्यासे कौवे की कहानी - The Thirsty Crow Story in Hindi. और इस सेे प्रेरणादायक सिख हासिल करते हैं।
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The Thirsty Crow Story in Hindi |
The Thirsty Crow Story in Hindi
बहुत समय पहले की बात है, जून का महिना था। शरीर को झुलसाने वाली गर्मी पड़ रही थी।
एक दिन की बात है। इस चिलचिलाती गर्मी में एक कौवा बहुत प्यासा था। सारे तालाब और नदी सुख गए थे। कहीं पर भी पानी नही था।
जंगल मे कहीं पर भी पानी न मिलने के कारण वह शहर की तरफ चला। पूरे दिन पानी की तलाश में इधर-उधर भटकता रहा। लेकिन उसे पानी कहीं नहीं मिला।
वह पानी की तलाश मे उड़ता ही जा रहा था। उड़ते-उड़ते उसकी प्यास और तेज हो रही थी। जिस कारण उस प्यासे कौवे की हालत बहुत खराब होने लगी। थक कर वह शहर के महल के छत पर बैठ गया।
अब कौवे को लगने लगा था कि उसकी मौत बहुत नजदीक है। उसने इधर- उधर नजर दौड़ाई तभी उसकी नजर छत के कोने पर रखे एक घड़े पर पड़ी।
घड़े को देखकर उसको जान मे जान आई। वह तुरंत हिम्मत जुटाकर कोने मे रखे उस घड़े तक पहुंचा। कौवे घड़े के किनारे पर बैठ गया। घड़े मे पानी थी।
पानी देखकर कौवा बहुत खुश हुआ। लेकिन उसकी खुशी बस थोड़ी देर के लिए ही थी, क्योंकि उस घड़े में पानी तो था, लेकिन इतना नहीं था कि कौवे की चोंच उस पानी तक पहुंच सके और वह पानी पी सके।
कौवे ने घड़े से पानी पीने के लिए हर संभव कोशिश की, लेकिन वह अपनी कोशिश में सफल नहीं हो पाया, यानी वह पानी नही पी सका।
अब वह कौवा पहले से भी ज्यादा दुखी हो गया था, क्योंकि उसके पानी उसके पास होते हुए भी, वह अपनी प्यास नही बुझा सका था।
कौवा उदास होकर इधर- उधर देख रहा था। कुछ देर इधर-उधर देखने के बाद कौवे की नजर घड़े के पास मे ही पड़े कंकड़ों पर पड़ी। कौवे ने जैसे ही घड़े के पास पड़े कंकड़ों को देखा तो तुरंत ही उसके मन में एक योजना आई।
उसने सोचा कि अगर वह एक - एक करके सारे कंकड़ को घड़े में डाल दे, तो घड़े का पानी ऊपर आ जाएगा और तब उसकी चोंच पानी तक पहुँच जायेगी और वो आसानी से पानी पी सकेगा।
फिर क्या था, जैसे ही कौवे को यह विचार सूझी, उसने दोगुनी साहस के साथ आसपास पड़े कंकड़ों को एक एक करके घड़े में डालना शुरू कर दिया।
वह कंकड़ों को तब तक घड़े में डालता रहा, जब तक घड़े के पानी का सतह उसकी चोंच तक नहीं आ गया।
काफी मेहनत के बाद उसने बहुत सारे कंकड़ घड़े मे डाल दिया तब घड़े के पानी का सतह ऊपर आ गया तब कौवे ने जी भरकर पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई। प्यास बुझा कर कौवा खुशी - खुशी उड़ गया।
प्यासा कौवा की कहानी से सीख - Moral of The Thirsty Crow Story in Hindi
प्रिय दोस्तों, इस छोटी सी कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी भी परिस्थिति में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। हालात जैसा भी, आखरी सांस तक मेहनत करते रहना चाहिए, क्योंकि मेहनत करने वाले की हार नही होती। अगर वह प्यासा कौवा अंत तक मेहनत नही करता तो प्यास के कारण उसकी मृत्यु हो जाती। आखरी सांस तक उस छोटे से कौवे ने मेहनत करके अपनी प्यास बुझाई।
The Thirsty Crow Story in English | Thirsty Crow Story
The Thirsty Crow Story in English. My dear friends, in today's post, we are going to read "The Thirsty Crow Story in English" ie the story of the thirsty crow.
This is a very old story. This story is often seen in the books of young children. Thirsty Crow Story is very inspiring, that is why there is no shortage in its fame even today and it is still very popular among everyone from children to elders.
Let's read the story of thirsty crows - The Thirsty Crow Story and gain moral from this.
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