मोहनजोदड़ो के इतिहास के बारे में रोचक जानकारी (Interesting facts about mohenjo-daro in hindi )
एक ऐसी सभ्यता जहां के लोगों ने हजारों साल पहले आश्चर्यजनक तरीकों से जिंदगी जीने के तरीके खोज लिए थे। हड़प्पा सभ्यता का एक शहर मोहनजोदड़ो, वह शहर जहां हजारों साल पहले आराम की हर चीज उपलब्ध थी। लेकिन ऐसा क्या हुआ कि यह सभ्यता दुनिया के नक्शे से अचानक गायब हो गई ।View of Mohenjo-Daro |
"मोहनजोदड़ो" हड़प्पा सभ्यता का एक प्रमुख शहर था। जो आज के पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी के किनारे करीब 5 वर्ग किलोमीटर इलाके में बसा था। करीब 4000 साल पुराने इस शहर की खोज आज से 100 साल पहले हुई थी। 19 वी सदी से लेकर अब तक हड़प्पा सभ्यता की सैकड़ों जगहों का पता लगाया जा चुका है। इन्हीं में से एक है "मोहनजोदड़ो"। यहां खोजकर्ताओं ने कई सालों तक काम करके जमीन के नीचे से पूरा शहर खोज निकाला।
Location of Moen jo-Daro |
हड़प्पा सभ्यता के बारे में दुनिया बहुत कम जानती है, लेकिन जो कुछ भी जानती है वह बेहद हैरान कर देने वाला है। आज के इस आर्टिकल में हम इस सभ्यता से जुड़े ऐसे ही कुछ रोचक तथ्य बताने वाले हैं जो आपको हैरान कर देंगे।
Interesting facts about history of mohenjo-daro in hindi || मोहनजोदड़ो के इतिहास के बारे में रोचक जानकारी
#1. Discovery
सन 1856 में एक अंग्रेज इंजीनियर, जो इस इलाके में रेलवे ट्रैक बनाने के काम में जुड़ा था उसे यहां जमीन में धंसी कई पुरानी ईटें मिली जो दिखने में बिल्कुल आज के ईटों जैसी थी, लेकिन काफी मजबूत थी । जब पास के गांव के एक आदमी ने उसे बताया कि उस गांव का हर घर इन्हीं ईटों से बना है जो यह जमीन की खुदाई करने पर मिलती है। तभी वह अंग्रेज समझ गया कि यह मामूली ईटें नहीं है। इसके बाद R. D. Banerji इसकी अधिकारिक खोज की।
Bricks of Moen jo-Daro |
#2. Advanced lifestyle
मोहनजोदड़ो में लोगों के रहने का तरीका सबसे ज्यादा हैरान कर देने वाला है। मोहनजोदड़ो हजारों साल पहले उस समय के यूरोप और अमेरिका से भी ज्यादा विकसित था। यह शहर पूरे 500 एकड़ में फैला था। जो उस वक्त के शहर के हिसाब से काफी बड़ा आकार था। यहां मिले अवशेषों से पता चलता है कि, एक बड़े से दरवाजे से शहर का रास्ता खुलता था।
#3.Waterproof bricks
यहां कुछ ऐसे बड़े घर भी मिले हैं जिनमें 30 कमरे तक होते थे। यह घर बनाने के लिए जीन ईटों का इस्तेमाल किया गया था वह कोई आम ईटें नहीं थी। बल्कि वाटर प्रूफ ईटें थी। यहां के स्नानघरो और नालियों में जो ईटें इस्तेमाल हुई थी उन पर जिप्सम और चारकोल की पतली परत चढ़ाई गई थी। चारकोल की परत किसी भी हालत में पानी को बाहर नहीं निकलने देती थी। इससे यह पता चलता है कि मोहनजोदड़ो के लोग चारकोल जैसे तत्वों के बारे में भी जानते थे जिसे वैज्ञानिकों ने कई सालों बाद खोजा था।
#4. More than 700 wells
माना जाता है कि दुनिया को कुआं की देन हड़प्पा सभ्यता ने हीं दी थी। इस शहर में 700 से ज्यादा कुएं होने के सबूत मिले हैं। यहां खुदाई में कई ऐसी चीजें मिली है जिससे यह समझा जाता है कि इस सभ्यता के लोग तंत्र मंत्र में भी काफी विश्वास रखते थे।
Water well |
#5. Advanced wastewater treatment
मोहनजोदड़ो शहर कोई सामान्य शहर नहीं था। इस शहर में बड़े बड़े घर चौड़ी सड़कें और बहुत सारे कुवें होने के प्रमाण मिले हैं। आप यह जानकर और भी चौक जाएंगे की इस शहर में गंदी पानी निकालने के लिए नाली तक बनाई गई थी। यहां के लोग स्वच्छता के मामले में इतने ज्यादा जागरूक थे, जितने शायद आज के लोग भी नहीं है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि हजारों साल पुराने इस सभ्यता के हर घर में बाथरूम और टॉयलेट हुआ करता था।
Mohenjo-Daro street |
#6. Mystery of language
मोहनजोदड़ो का एक रहस्य ऐसा है जो आज तक कभी सुलझ नहीं पाया। वह यह है कि यहां से खुदाई में निकली चीजों पर कौन सी लिपि की बनावट है यह आज तक वैज्ञानिक समझ नहीं पाए। अगर यहां की भाषा वैज्ञानिकों को समझ में आ जाए तो यहां छुपे हजारों साल पुराने कई राज सामने आ सकते हैं।
Indus script |
Interesting facts about history of mohenjo-daro in hindi || मोहनजोदड़ो के इतिहास के बारे में रोचक जानकारी
#7. The great bath
यहां एक बहुत बड़ा स्विमिंग पूल खोजा गया। जिसका आकार 900 वर्ग फिट था। इसे ग्रेट बाथ नाम दिया गया। इस स्विमिंग पूल को ऐसे टेक्निक से बनाया गया था जिसके तहत इसमें सिंधु नदी का पानी भरा जाता था। दुनिया का सबसे मशहूर रोमन बाथ जिसे ऐतिहासिक और पुराना माना जाता है, हड़प्पा सभ्यता के सैकड़ों साल बाद बनाया गया था।
The great bath of Mohenjo-Daro |
#8. Mystery of God
मोहनजोदड़ो शहर में किसी भी मंदिर के कोई अवशेष नहीं मिले। लेकिन यहां मिले एक शील पर 3 मुख वाले एक देवता की मूर्ति मिली है जिसके चारों ओर हाथी,गैंडा, चीता,और भैंसा है। यहां असम के देवियों की मूर्तियां भी मिली है। जिसका मतलब है कि यहां के लोग मूर्ति पूजा में विश्वास रखते थे।
#9. Achievement in medical science
यहां खुदाई में मिले कुछ कंकाल के दांतो का जब निरीक्षण किया गया तो एक चौकाने वाली बात सामने आई कि वह लोग आज की ही तरह नकली दांतों का इस्तेमाल करते थे। इसका मतलब यह हुआ कि हड़प्पा सभ्यता में चिकित्सा पद्धति भी काफी हद तक विकसित थी।
#10. Mysterious symbol
1999 में यहां एक हैरान कर देने वाली खोज हुई। शोधकर्ताओं की कई घंटों की मेहनत के बाद यहां की जमीन में दबे उस वक्त की लिपि के कुछ अक्षर और चिन्ह मिलें। जांच करने के बाद पता चला कि यह लकड़ी का एक बड़ा बोल्ड हुआ करता था जो इस शहर के मुख्य दरवाजे के ऊपर लगाया जाता था। लेकिन दुर्भाग्य से खोजकर्ता उनकी लिपि को समझ नहीं सकते। जिस दिन उसकी लिखावट समझ आएगी उस दिन शायद मोहनजोदड़ो का सबसे बड़ा राज सामने आएगा।
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#11. Flood control methods
इस सभ्यता के लोग कितने विकसित थे, इसका एक और उदाहरण यह है कि उस समय इन लोगों ने अपने शहर को बाढ़ के पानी से बचाने के लिए शहर के बाहर एक बड़े बांध का निर्माण किया था। और यही नहीं इस बाढ़ के पानी को वे लोग छोटे-छोटे टैंक में , जो शहर के चारों और बनाए गए थे उसमें जमा करते थे। इस पानी का इस्तेमाल पूरा शहर तो करता ही था। बल्कि पूरे साल भर वे लोग खेतों में भी इस पानी का इस्तेमाल करते थे। आज के समय में इस जगह के गांव में बारिश के मौसम में पूरा पानी भर जाता है। लेकिन आज से 4000 साल पहले यहां के रहने वाले लोगों ने इसका हल निकाल लिया था।
#12. Water conservation
आज हमारे कुछ शहरों में गर्मी के मौसम में पानी की समस्या रहती है। और इसके बावजूद हम लोग बारिश के पानी को इकट्ठा करके उसका इस्तेमाल नहीं करते हैं। मोहनजोदड़ो में खोज कर्ताओं ने कुछ ऐसे स्ट्रक्चर की खोज की है जिसे यह पता चला है कि यहां के लोग बारिश का पानी इकट्ठा करके उसका इस्तेमाल करते थे ।
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#13. Advanced art technique
यहां के लोग लोहे, तांबे, पीतल और लकड़ियों के आभूषण और हथियार और तो और सोने की कलाकृतियों को बनाने में माहिर थे। यहां भारी मात्रा में सिक्के मिले हैं जो मिट्टी के थर पर एक खास तरह के सांचो से बनाए गए थे। आज के कई सारे आधुनिक खिलौने भी यहां खुदाई में मिले हैं जो मिट्टी के बने थे। और तो और यहां के लोग शतरंज जैसे खेल भी खेलते थे।
Interesting facts about history of mohenjo-daro in hindi || मोहनजोदड़ो के इतिहास के बारे में रोचक जानकारी
#14.Trade and economy
मोहनजोदड़ो में व्यापार बड़े पैमाने पर होता था। उन दिनों कोई भी मुद्रण नहीं चलती थी बल्कि चीजों की अदला बदली से व्यापार होता था। हड़प्पा सभ्यता के लोग समुद्र के रास्ते दूसरे देशों से भी व्यापार करते थे। इसके सबूत आबू धाबी में मिले है।आबू धाबी में खोजकर्ता को एक कुआं मिला है। और इस कुएं में हड़प्पा सभ्यता से जुड़ी कुछ चीजें भी मिली है। जो दिखाती है कि हड़प्पा सभ्यता के लोग समुद्री मार्ग में 3500 किलोमीटर दूर तक का सफर तय करते थे।
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#15. The mystery of the Harappa disappearance
यह अपने आप में एक बड़ा सवाल है कि हड़प्पा सभ्यता का अंत कैसे हुआ। वैज्ञानिक ने यहां मिली चीजों के कार्बन डेटिंग के बाद कुछ तथ्य सामने रखे हैं. और इनसे यह पता चलता है कि मौसम में आया बड़ा बदलाव इस सभ्यता के विलुप्त होने की बड़ी वजह थी।
धीरे धीरे नदियों ने अपनी धाराएं बदल दी । पानी की भयंकर कमी हो गई। साथ ही खराब मानसून इस सभ्यता के लिए कई मुसीबतें लेकर आ गया। और यह सभ्यता विलुप्त हो गई। मोहनजोदड़ो वह सभ्यता थी जो अगर विलुप्त ना होती तो इंसान आज और भी तरक्की कर चुका होता।
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धन्यवाद