Best Moral Stories in Hindi for Class 5 | वर्ग 5 के लिए हिंदी नैतिक कहानियां


Moral Stories in Hindi for class 5: Hello friends, how are you? Today I am sharing the top 5 moral stories in Hindi for class 5. These short stories in Hindi are very valuable for class 5 and give very good morals.

आज के इस आर्टिकल मे, मै आप के साथ top 5 short stories in hindi for class 5 with moral share कर रहा हूँ। ये हिंदी नैतिक कहानियाँ बच्चों के लिए बहुत ही उपयोगी होगी। ये सभी कहानियों के अंत मे नैतिक शिक्षा दी गयी हैं। जो बच्चों को लोगों और दुनिया को समझने मे बहुत मदद करेगी।


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आईये इन top 5 moral stories in Hindi for class 5 पढ़ते हैं।

Top 5 Best Moral Short Stories in Hindi for Class 5


Best Moral Stories in Hindi for Class 5

1. अंधा घोड़ा - Moral Stories in Hindi for Class 5


शहर के नज़दीक बने एक farm house में दो घोड़े रहते थे. दूर से देखने पर वो दोनों बिलकुल एक जैसे दीखते थे , पर पास जाने पर पता चलता था कि उनमे से एक घोड़ा अँधा है. पर अंधे होने के बावजूद farm के मालिक ने उसे वहां से निकाला नहीं था बल्कि उसे और भी अधिक सुरक्षा और आराम के साथ रखा था।

अगर कोई थोडा और ध्यान देता तो उसे ये भी पता चलता कि मालिक ने दूसरे घोड़े के गले में एक घंटी बाँध रखी थी, जिसकी आवाज़ सुनकर अँधा घोड़ा उसके पास पहुंच जाता और उसके पीछे-पीछे बाड़े में घूमता. घंटी वाला घोड़ा भी अपने अंधे मित्र की परेशानी समझता, वह बीच-बीच में पीछे मुड़कर देखता और इस बात को सुनिश्चित करता कि कहीं वो रास्ते से भटक ना जाए. वह ये भी सुनिश्चित करता कि उसका मित्र सुरक्षित; वापस अपने स्थान  पर पहुच जाए, और उसके बाद ही वो अपनी जगह की ओर बढ़ता।

Moral of this Hindi Story:

दोस्तों, बाड़े के मालिक की तरह ही भगवान हमें बस इसलिए नहीं छोड़ देते कि हमारे अन्दर कोई दोष या कमियां हैं.  वो हमारा ख्याल रखते हैं और हमें जब भी ज़रुरत होती है तो किसी ना किसी को हमारी मदद के लिए भेज देते हैं. कभी-कभी हम वो अंधे घोड़े होते हैं, जो भगवान द्वारा बांधी गयी घंटी की मदद से अपनी परेशानियों से पार पाते हैं तो कभी हम अपने गले में बंधी घंटी द्वारा दूसरों को रास्ता दिखाने के काम आते हैं.


2. सबसे कीमती चीज - Moral Stories in Hindi for Class 5


एक जाने-माने स्पीकर ने हाथ में पांच सौ का नोट लहराते हुए अपनी सेमीनार शुरू की. हाल में बैठे सैकड़ों लोगों से उसने पूछा , "ये पांच सौ का नोट कौन लेना चाहता है?" हाथ उठना शुरू हो गए.

फिर उसने कहा , "मैं इस नोट को आपमें से किसी एक को दूंगा पर  उससे पहले मुझे ये कर लेने दीजिये .” और उसने नोट को अपनी मुट्ठी में चिमोड़ना शुरू कर दिया. और  फिर उसने पूछा,” कौन है जो अब भी यह नोट लेना चाहता है?" अभी भी लोगों के हाथ उठने शुरू हो गए.

“अच्छा” उसने कहा,” अगर मैं ये कर दूं ? ” और उसने नोट को नीचे गिराकर पैरों से कुचलना शुरू कर दिया. उसने नोट उठाई , वह बिल्कुल चिमुड़ी और गन्दी हो गयी थी.

"क्या अभी भी कोई है जो इसे लेना चाहता है?". और एक  बार  फिर हाथ उठने शुरू हो गए।

Moral of this Hindi Story:

"दोस्तों, आप लोगों ने आज एक बहुत महत्त्वपूर्ण पाठ सीखा है. मैंने इस नोट के साथ इतना कुछ किया पर फिर भी आप इसे लेना चाहते थे क्योंकि ये सब होने के बावजूद नोट की कीमत घटी नहीं,उसका मूल्य अभी भी 500 था.

जीवन में कई बार हम गिरते हैं, हारते हैं, हमारे लिए हुए निर्णय हमें मिटटी में मिला देते हैं. हमें ऐसा लगने लगता है कि हमारी कोई कीमत नहीं है. लेकिन आपके साथ चाहे जो हुआ हो या भविष्य में जो हो जाए , आपका मूल्य कम नहीं होता. आप स्पेशल हैं, इस बात को कभी मत भूलिए.

कभी भी बीते हुए कल की निराशा को आने वाले कल के सपनो को बर्बाद मत करने दीजिये. याद रखिये आपके पास जो सबसे कीमती चीज है, वो है आपका जीवन.”

दोस्तों अभी तक आप Top 5 Hindi Moral Stories for class 5 की 2 कहानियाँ पढ़ चुके हैं। और उम्मीद करते हैं की आगे की नैतिक कहानियाँ भी जरूर पढ़ेंगे। आईये पढ़ते हैं 3rd Moral Stories in Hindi for class 5.


3. परमात्मा और किसान - Moral Stories in Hindi for Class 5


एक बार एक किसान परमात्मा से बड़ा नाराज हो गया! कभी बाढ़ आ जाये, कभी सूखा पड़ जाए, कभी धूप बहुत तेज हो जाए तो कभी ओले पड़ जाये! हर बार कुछ ना कुछ कारण से उसकी फसल थोड़ी ख़राब हो जाये! एक  दिन बड़ा तंग आ कर उसने परमात्मा से कहा, देखिये प्रभु,आप परमात्मा हैं, लेकिन लगता है आपको खेती बाड़ी की ज्यादा जानकारी नहीं है, एक प्रार्थना है कि एक साल मुझे मौका दीजिये, जैसा मै चाहू वैसा मौसम हो,फिर आप देखना मै कैसे अन्न के भण्डार भर दूंगा! परमात्मा मुस्कुराये और कहा ठीक है, जैसा तुम कहोगे वैसा ही मौसम  दूंगा, मै दखल नहीं करूँगा!

किसान ने गेहूं की फ़सल बोई, जब धूप  चाही, तब धूप  मिली, जब पानी तब पानी ! तेज धूप, ओले,बाढ़ ,आंधी तो उसने आने ही नहीं दी, समय के साथ फसल बढ़ी और किसान की ख़ुशी भी,क्योंकि ऐसी फसल तो आज तक नहीं हुई  थी! किसान ने मन ही मन सोचा अब पता चलेगा परमात्मा को, की फ़सल कैसे करते हैं ,बेकार ही इतने बरस हम किसानो को परेशान करते रहे.

फ़सल काटने का समय भी आया, किसान बड़े गर्व से फ़सल काटने गया, लेकिन जैसे ही फसल काटने लगा, एकदम से छाती पर हाथ रख कर बैठ गया!  गेहूं की एक भी बाली के अन्दर गेहूं नहीं था ,सारी बालियाँ अन्दर से खाली थी, बड़ा दुखी होकर उसने परमात्मा से कहा, प्रभु ये क्या हुआ?

तब परमात्मा बोले,” ये तो होना ही था, तुमने पौधों  को संघर्ष का ज़रा  सा  भी मौका नहीं दिया. ना तेज  धूप में उनको तपने दिया, ना आंधी ओलों से जूझने दिया, उनको  किसी प्रकार की चुनौती  का अहसास जरा भी नहीं होने दिया, इसीलिए सब पौधे खोखले रह गए, जब आंधी आती है, तेज बारिश होती है ओले गिरते हैं तब पोधा अपने बल से ही खड़ा रहता है, वो अपना अस्तित्व बचाने का संघर्ष करता है और इस संघर्ष से जो बल पैदा होता है वोही उसे शक्ति देता है, उर्जा देता है, उसकी जीवटता को उभारता है. सोने को भी कुंदन बनने के लिए आग में तपने, हथौड़ी  से पिटने,गलने जैसी चुनोतियो से गुजरना पड़ता है तभी उसकी स्वर्णिम आभा उभरती है, उसे अनमोल बनाती है !

Hindi Story Class 5 Moral:

उसी तरह जिंदगी में भी अगर संघर्ष ना हो ,चुनौती  ना हो तो आदमी खोखला  ही रह जाता है, उसके अन्दर कोई गुण नहीं आ पाता! ये चुनोतियाँ  ही हैं जो आदमी रूपी तलवार को धार देती हैं ,उसे सशक्त और प्रखर बनाती हैं, अगर प्रतिभाशाली बनना है तो चुनोतियाँ  तो स्वीकार करनी ही पड़ेंगी, अन्यथा हम खोखले ही रह जायेंगे. अगर जिंदगी में प्रखर बनना है, प्रतिभाशाली बनना है, तो संघर्ष और चुनोतियो का सामना तो करना ही पड़ेगा!

दोस्तों अभी तक आप Top 5 Moral Stories in Hindi for Class 5 की 3 कहानियाँ पढ़ चुके हैं। और उम्मीद करते हैं की आगे की नैतिक कहानियाँ भी जरूर पढ़ेंगे। आईये पढ़ते हैं 4th Moral Stories in Hindi for class 5.

4. दोस्त का जवाब - Stories in Hindi for Class 5 with Moral


बहुत  समय  पहले  की  बात  है, दो  दोस्त  बीहड़  इलाकों   से  होकर  शहर जा  रहे  थे . गर्मी  बहुत  अधिक  होने  के  कारण  वो  बीच -बीच  में  रुकते  और  आराम  करते . उन्होंने  अपने  साथ  खाने-पीने की  भी  कुछ  चीजें  रखी  हुई  थीं. जब  दोपहर  में  उन्हें  भूख  लगी  तो  दोनों  ने  एक  जगह  बैठकर  खाने  का  विचार  किया।

खाना खाते – खाते  दोनों  में  किसी  बात  को  लेकर  बहस  छिड गयी और  धीरे-धीरे  बात  इतनी  बढ़  गयी  कि  एक  दोस्त  ने  दूसरे  को  थप्पड़  मार  दिया .पर  थप्पड़  खाने  के  बाद  भी दूसरा दोस्त  चुप  रहा  और  कोई  विरोध  नहीं  किया. बस  उसने  पेड़  की  एक  टहनी  उठाई  और  उससे  मिटटी  पर  लिख  दिया  "आज  मेरे सबसे अच्छे दोस्त ने मुझे  थप्पड़  मारा"

थोड़ी  देर  बाद  उन्होंने  पुनः  यात्रा  शुरू  की , मन  मुटाव  होने के  कारण  वो  बिना  एक -दूसरे  से  बात  किये  आगे  बढ़ते  जा  रहे  थे कि  तभी  थप्पड़  खाए  दोस्त  के  चीखने  की  आवाज़  आई , वह  गलती  से  दलदल  में  फँस  गया  था. दूसरे  दोस्त  ने  तेजी  दिखाते  हुए  उसकी  मदद  की  और  उसे  दलदल  से  निकाल  दिया .

इस  बार  भी  वह  दोस्त  कुछ  नहीं  बोला  उसने  बस  एक  नुकीला  पत्थर  उठाया  और  एक  विशाल  पेड़  के  तने  पर  लिखने  लगा "आज  मेरे  सबसे अच्छे दोस्त  ने  मेरी  जान  बचाई"

उसे  ऐसा  करते  देख  दूसरे मित्र से रहा नहीं गया और उसने  पूछा , "जब  मैंने  तुम्हे  पत्थर  मारा  तो  तुमने  मिटटी  पर  लिखा  और  जब  मैंने  तुम्हारी  जान  बचाई  तो  तुम  पेड़  के  तने  पर कुरेद -कुरेद  कर  लिख  रहे  हो, ऐसा  क्यों ?"

Moral of this Hindi Story for Class 5:

"जब  कोई  तकलीफ  दे  तो  हमें  उसे अन्दर तक नहीं बैठाना चाहिए  ताकि  क्षमा  रुपी  हवाएं  इस मिटटी की तरह  ही  उस तकलीफ को हमारे जेहन से बहा ले जाएं , लेकिन  जब  कोई  हमारे  लिए  कुछ  अच्छा  करे  तो उसे इतनी गहराई से अपने मन में बसा लेने चाहिए कि वो कभी हमारे जेहन से मिट ना सके." ,  दोस्त का जवाब आया.

दोस्तों अभी तक आप Best 5 Moral Stories for Class 5 in Hindi की 4 कहानियाँ पढ़ चुके हैं। और उम्मीद करते हैं की आगे की नैतिक कहानियाँ भी जरूर पढ़ेंगे। आईये पढ़ते हैं 5th Moral Stories in Hindi for class 5.

5. चार मोमबत्तियां - Moral Hindi Stories for Class 5


रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था , नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दुसरे से दिल की बात कर रही थीं।
पहली मोमबत्ती बोली, "मैं शांति हूँ , पर मुझे लगता है अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं है , हर तरफ आपाधापी और लूट-मार मची हुई है, मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती।" और ऐसा कहते हुए , कुछ देर में वो मोमबत्ती बुझ गयी।

दूसरी मोमबत्ती बोली , "मैं विश्वास हूँ, और मुझे लगता है झूठ और फरेब के बीच मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत नहीं है , मैं भी यहाँ से जा रही हूँ.”, और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।

तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए बोली , "मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए किसी के पास वक्त ही नहीं, दूसरों से तो दूर लोग अपनों से भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं ,मैं ये सब और नहीं सह सकती मैं भी इस दुनिया से जा रही हूँ" और ऐसा कहते हुए तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी।

वो अभी बुझी ही थी कि एक मासूम बच्चा उस कमरे में दाखिल हुआ।

मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया , उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे और वह रुंआसा होते हुए बोला ,
"अरे , तुम मोमबत्तियां जल क्यों नहीं रही , तुम्हे तो अंत तक जलना है ! तुम इस तरह बीच में हमें कैसे छोड़ के जा सकती हो ?"

तभी चौथी मोमबत्ती बोली , "प्यारे बच्चे घबराओ नहीं, मैं आशा हूँ और जब तक मैं जल रही हूँ हम बाकी मोमबत्तियों को फिर से जला सकते हैं।"

यह सुन बच्चे की आँखें चमक उठीं, और उसने आशा के बल पे शांति, विश्वास, और प्रेम को फिर से प्रकाशित कर दिया।

Moral Stories in Hindi for Class 5:

मित्रों , जब सबकुछ बुरा होते दिखे ,चारों तरफ अन्धकार ही अन्धकार नज़र आये , अपने भी पराये लगने लगें तो भी उम्मीद मत छोड़िये….आशा मत छोड़िये , क्योंकि इसमें इतनी शक्ति है कि ये हर खोई हुई चीज आपको वापस दिल सकती है। अपनी आशा की मोमबत्ती को जलाये रखिये ,बस अगर ये जलती रहेगी तो आप किसी भी और मोमबत्ती को प्रकाशित कर सकते हैं।


दोस्तों यह थी top 5 Moral Stories in Hindi for class 5. ये सभी कहानियाँ नैतिक है। और इन कहानियों से बच्चों को बहुत मदद मिलेगी।

आप को ये top 5 Moral Stories in Hindi for class 5 कैसी लगी हमे comment मे जरूर बताएं। अगर आप को ये कहानियाँ अच्छी लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर share करें।

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