Bharti Bhawan Class 10th Chemistry Chapter 2 Short Answer Questions
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. निम्नलिखित में कौन से अम्ल पाए जाते हैं?
उत्तर:-
पदार्थ उपस्थित अम्ल
नींबू का रस सिट्रिक अम्ल
इमली टार्टरिक अम्ल
सिरका ऐसीटिक अम्ल
विटामिन C की गोली एस्कार्बिक अम्ल
खट्टा दूध लैक्टिक अम्ल
2. निम्नलिखित अम्लों के आण्विक सूत्र लिखें|
उत्तर:-
अम्ल आण्विक सूत्र
सल्फ्यूरिक अम्ल H2SO4
नाइट्रिक अम्ल HNO3
हाइड्रोक्लोरिक अम्ल HCI
फास्फोरिक अम्ल H3PO4
कार्बोनिक अम्ल H2CO3
3. क्या होता है जब
1. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया जस्ता से होती है|
2. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया मैग्नीशियम से होती है|
3. तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया ऐल्यूमिनियम के साथ होती है|
4. तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की अभिक्रिया लोहा से होती है|
उत्तर:-
1. जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल को जस्ता से अभिक्रिया कराया जाता है तो जिंक सल्फेट तथा हाइड्रोजन गैस बनता है|
Zn + H2SO4 ------------> ZnSO4 + H2
जिंक सल्फ्यूरिक अम्ल जिंक सल्फेट
2. जब तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मैग्नीशियम से अभिक्रिया कराया जाता है तो मैग्नीशियम क्लोराइड का लवण तथा हाइड्रोजन गैस बनता है|
Mg + 2HCl --------> MgCl2 + H2
मैग्नीशियम हाइड्रोक्लोरिक मैग्नीशियम
अम्ल अम्ल
3. जब तनु सल्फ्यूरिक अम्ल की अभिक्रिया ऐल्यूमिनियम के साथ कराया जाता है तब ऐल्यूमिनियम सल्फेट का लवण प्राप्त होता है तथा हाइड्रोजन गैस निकलता है|
2AI + 3H2SO4 ---------> Al2(SO4)3 + 3H2
ऐल्यूमिनियम सल्फ्यूरिक ऐल्यूमिनियम
अम्ल सल्फेट
4. जब लोहा को तनु सल्फ्यूरिक अम्ल से अभिक्रिया कराया जाता है तो फेरस सल्फेट का लवण तथा गैस मुक्त होता है|
2Fe + H2SO4 ------> FeSO4 + H2
सल्फ्यूरिक फेरस
अम्ल सल्फेट
4. ऐसीटिक अम्ल एक दुर्बल अम्ल है तथा अमोनिया एक दुर्बल भस्म है| यहाँ दुर्बल शब्द का क्या तात्पर्य है?
उत्तर:-
वैसे अम्ल जो जल में घुलकर सिर्फ आंशिक रूप में ही आयनित होते हैं| दुर्बल अम्ल कहलाते हैं| जबकि वे भस्म जो जलीय विलयन में सिर्फ अंशतः आयनित होकर कम मात्रा में हाइड्रोक्साइड आयन(OH-) प्रदान करते हैं दुर्बल भस्म या क्षार कहलाते हैं| दुर्बल अम्ल या भस्म आंशिक रूप से आयनित होने के कारण इनके जलीय विलयन में H+ या OH- आयनों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है| इस कारण इसकी विद्युत चालकता कम होती है|
5. (i) प्रबल अम्ल तथा सांद्र अम्ल में भेद बतायें|
उत्तर:-
प्रबल अम्ल:
वे अम्ल जो जल में घुलकर लगभग पूर्णतः आयनित होकर हाइड्रोजन आयन(H+) प्रदान करते हैं, प्रबल अम्ल कहते हैं|
इनके जलीय विलयन में H+ आयनों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक होती है|
HCl, HNO3, H2SO4 प्रबल अम्ल है|
सांद्र अम्ल:
जब विलयन में अम्ल की मात्रा अधिक होती है तो उसे सांद्र अम्ल कहते हैं|
इस विलयन में जल की मात्रा कम से कम होती है|
सांद्र अम्ल H2SO4 त्वचा को जला देते हैं, सांद्र H2SO4, सांद्र HNO3 तथा सांद्र CH3COOH में जल नहीं होती है|
(ii) प्रबल भस्म और दुर्बल भस्म में भेद बतायें|
प्रबल भस्म:
वे भस्म जो जलीय विलयन में लगभग पूर्णतः आयनित होकर अधिक मात्रा में हाइड्रोक्साइड आयन (OH-) प्रदान करते हैं, प्रबल भस्म कहलाते हैं|
NaOH, KOH प्रबल भस्म है|
दुर्बल भस्म:
वे भस्म जो जलीय विलयन में सिर्फ अंशतः आयनित होकर कम मात्रा में हाइड्रोक्साइड आयन (OH-) प्रदान करते हैं, दुर्बल भस्म कहलाते हैं |
NH4OH, [Ca(OH)2], [Mg(OH)2] दुर्बल भस्म हैं|
6. कार्बोनेट का उदासीनीकरण आक्साइड तथा हाइड्राक्साइड के उदासीनीकरण से भिन्न कैसे होता है?
उत्तर:-
अम्ल एवं क्षारक की अभिक्रिया के परिणामस्वरूप लवण तथा जल प्राप्त होते है तथा इसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं.
सामान्यतः उदासीनीकरण अभिक्रिया को इस प्रकार लिख सकते हैं।
क्षारक + अम्ल → लवण + जल
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट, कार्बन डाइऑक्साइड और जल में विघटित हो जायेगा। ये अम्लीय प्रकृति के होते हैं। क्षारक एवं अम्ल की अभिक्रिया के समान ही धात्विक ऑक्साइड अम्ल के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल प्रदान करते हैं। अत: धातु के ऑक्साइड क्षारीय होते हैं।
कैल्सियम हाइड्रॉक्साइड जो एक क्षारक है, कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करके लवण एवं जल का निर्माण करता है। चूंकि यह क्षारक एवं अम्ल के बीच होने वाली अभिक्रिया के समान है। अतः हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि अधात्विक ऑक्साइड अम्लीय प्रकृति के होते हैं। इस प्रकार उपरोक्त कथनों से यह स्पष्ट होता है कि कार्बोनेट का उदासीनीकरण ऑक्साइड तथा हाइड्रॉक्साइड के उदासीनीकरण से भिन्न होता है।
7. pH प्रतीक में p तथा H क्या संकेत करते हैं? pH स्केल क्या सूचित करते हैं?
उत्तर:-
साधारण सूचक द्वारा अम्ल तथा भस्म की पहचान तो हो जा सकती है, लेकिन यह कदापि नहीं कहा जा सकता है कि अम्ल या भस्म कितना प्रबल है| अम्ल की शक्ति उसके H+ आयन प्रदान करने की क्षमता पर निर्भर करती है| अतः किसी विलयन की अम्लीय शक्ति उसमें उपस्थित H+ आयन पर निर्भर करती है| किसी विलयन में H+ आयन सांद्रण के निर्धारण के लिए सौरेंसन (1909) ने एक स्केल दिया जिसे pH स्केल कहा जाता है| pH प्रतीक में p की व्युत्पत्ति शब्द portenz से हुयी है जिसका अर्थ शक्ति (power) होता है तथा H हाइड्रोजन को दर्शाता है | इस प्रकार pH मान विलयन में हाइड्रोजन आयन की शक्ति को निरुपित करता है| अतः किसी विलयन के pH मान उसमें उपस्थित H+ आयनों की सांद्रता के लघुगणक का ऋणात्मक मान है|
8. पांच विलयनों A, B, C, D, E को यूनिवर्सल सूचक द्वारा जांच करने पर इन विलयनों का pH क्रमशः 3, 1, 12, 7 तथा 9 पाया गया| इनमें कौन विलयन
a . उदासीन है?
b . प्रबल क्षारीय है?
c . प्रबल अम्लीय है?
d . दुर्बल अम्लीय है?
e . दुर्बल क्षारीय है?
उत्तर:-
A=3, B=1, C=12, D=7, E=9
a. विलयन D उदासीन है|
b. विलयन C प्रबल क्षारीय है|
c. विलयन B प्रबल अम्लीय है|
d. विलयन A दुर्बल अम्लीय है|
e. विलयन E दुर्बल क्षारीय है|
9. तीन अम्लीय विलयन x, y, z का pH मान क्रमशः 0,3,5 है|
1. किस विलयन में हाइड्रोजन आयन सर्वाधिक होगा?
2. किस विलयन में हाइड्रोजन आयन सबसे कम होगा?
उत्तर:-
x=0, y=3, z=5
(1.) विलयन x का pH मान 0 है, विलयन y का pH मान 3 है तथा विलयन z का pH मान 5 है, इसलिए विलयन x की H+ सांद्रता 1×10-0 M है, विलयन y की H+ सांद्रता 1×10-3 है तथा विलयन z की H+ सांद्रता 1×10-5 है, अतः विलयन x की हाइड्रोजन आयन सांद्रता विलयन y और z की अपेक्षा सर्वाधिक होगा|
(2.) चूंकि विलयन x की H+ सांद्रता 1×10-0 M है, विलयन y की H+ सांद्रता 1×10-3 है तथा विलयन y की H+ सांद्रता 1×10-5 है| इसलिए विलयन z की हाइड्रोजन आयन सांद्रता विलयन x और y की अपेक्षा सबसे कम होगा|
10. अच्छे फसल के लिए मिट्टी का pH मान 5.5-7.0 होना चाहिए| किसान मिट्टी में चूना क्यों मिलते हैं? समझाएँ|
उत्तर:-
अच्छे फसल के लिए मिट्टी का pH मान 5.5-7.0 होना चाहिए| मिट्टी का pH मान 5.5 से कम हो जाने पर उसमें अम्लीयता का गुण आ जाता है जो फसलों के लिए हानिकारक होता है| अतः किसान मिट्टी में चूना मिलाते हैं ताकि उसकी अम्लीयता कम हो जाए और वह उर्वरक बन जाए|
11. अम्ल पित्त का pH मान 1 से 3 के बीच होता है, तो बताएं|
a. अम्ल पित्त अम्लीय है या क्षारीय?
b. अम्ल पित्त का pH मान 1 से 3 के बीच किस पदार्थ के कारण होता है?
उत्तर:-
1. चूँकि अम्ल पित्त का pH मान 1 से 3 के बीच होता है अतः यह अम्लीय है।
2. अम्ल पित्त का pH मान 1 से 3 के बीच हाइड्रोक्लोरिक अम्ल के कारण होता है|
12. अग्निशामक यंत्र द्वारा आग बुझाने की क्रिया को रासायनिक अभिक्रिया द्वारा समझाएँ|
उत्तर:-
अग्निशामक यंत्र में NaHCO3 तथा H2SO4 रहते हैं| यंत्र की घुंडी पर दाब डालने पर NaHCO3 तथा H2SO4 परस्पर संपर्क में आकर CO2 गैस बनाते हैं|
2NaHCO3 + H2SO4 ---------> Na2SO4 + 2H2O + 2CO2
CO2 गैस तेजी से बाहर निकलकर आग बुझा देती है|
13. उत्फुल्लन से क्या समझते हैं? उत्फुल्लन प्रदर्शित करने वाले यौगिक का नाम लिखें| एक अभिक्रिया देकर इसे समझाएँ|
उत्तर:-
किसी जलयोजित लवण को वायु में खुला रखने पर रवाकरण के जल को त्याग कर वायुमंडल में चले जाने की प्रक्रिया को उत्फुल्लन कहते हैं|
वाशिंग सोडा Na2CO3•10H2O को हवा में खुला छोड़ने पर रवाकरण के जल को त्यागकर सोडियम कार्बोनेट मोनो हाइड्रेट का बनना उत्फुल्लन की प्रक्रिया दर्शाते हैं|
Na2CO3•10H2O ----> Na3CO3•H2O + 9H2O
14. किसी विलयन में H+ आयन की सांद्रता है तो pH मान ज्ञात करें और विलयन की प्रकृति बताएं|
उत्तर:-
किसी विलयन का
=5×1=5
अतः विलयन की प्रकृति अम्लीय है|
15. यौगिकों के संबंध उनके उपयोग से स्थगित करें|
1. सोडियम कार्बोनेट (क) सांचे बनाने के लिए
2. सोडियम बाइकार्बोनेट (ख)कपड़े साफ करने के लिए
3. प्लास्टर आफ पेरिस (ग) बेकिंग पाउडर बनाने के लिए
उत्तर:-
(1) ----- (ख)
(2) ----- (ग)
(3) ----- (क)
16. (i) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को गर्म करने पर प्राप्त उत्पादों के नाम लिखें।
(ii) उपर्युक्त में निहित अभिक्रिया से संबंधित रासायनिक समीकरण लिखें।
उत्तर:-
(i) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (NaHCO3) को गर्म करने पर सोडियम कार्बोनेट(Na2CO3) तथा कार्बन डाइऑक्साइड गैस (CO2) मुक्त होती है।
(ii) 2NaHCO3 -----> Na2CO3 + H2O + CO2
सोडियम सोडियम जल कार्बन
कार्बोनेट कार्बोनेट डाइऑक्साइड
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