Bharti Bhawan Class 10th Chemistry Chapter 3 Short Answer Questions
लघु उत्तरीय प्रश्न
1. धातु एवं अधातु में एक अंतर बताएं।
उत्तर:-
धातुओं में एक विशेष प्रकार की चमक होती है। अधातुओं में कोई चमक नहीं होती है।
2. धातुएँ विद्युत की सुचालक क्यों होती है?
उत्तर:-
धातुओं के परमाणुओं में मुक्त इलेक्ट्रॉन रहते हैं। इस कारण विद्युत की धारा प्रवाहित होने पर उससे इलेक्ट्रॉन का प्रवाह सतत होता है। इसिलिए यह विद्युत का सुचालक होता है।
3. धातु की तन्यता और आघातवर्धनीयता से क्या समझते हैं?
उत्तर:-
धातु की तन्यता का तात्पर्य है खींचकर तार बनाना। धातुएँ तन्य होती है। अर्थात वह गुण जिस कारण धातुओं से तार खींचे जा सकते हैं। आघातवर्धनीयता धातुओं का एक गुण है। इनसे हथौड़े से पीटकर चादरें बनायी जाती है अर्थात वह गुण जिस कारण धातुओं को पीटकर चादरें बनायी जाती है। सोना एवं सिल्वर सर्वाधिक आघातवर्ध्य एवं तन्य हैं।
4. द्विधर्मी आक्साइड क्या है?
उत्तर:-
धातुओं के वे आक्साइड जो अम्लीय एवं क्षारीय या भास्मिक दोनों गुण प्रदर्शित करते है, द्विधर्मी आक्साइड कहलाते हैं। जैसे ऐलुमिनियम आक्साइड एवं जिंक आक्साइड।
5. ग्रेफाइट अधातु होते हुए भी कौन सा धातुई गुण प्रदर्शित करता है?
उत्तर:-
ग्रेफाइट में धातुई गुण मौजूद है क्योंकि उसमें चमक होती है और वह विधुत धनात्मक तथा विधुत सुचालक होती है।
6. आर्गन के दो परमाणु परस्पर संयुक्त होकर आर्गन अणु (Ar2) क्यों नहीं बनाते हैं?
उत्तर:-
आर्गन अक्रिय गैस हैं। इसका अष्टक पूरा रहता है। इस कारण किसी से संयोजक बंधन नहीं बनाता है। इस कारण यह केवल परमाणु के रूप में रहता है।
7. परमाणु एवं आयन में अंतर लिखें।
उत्तर:-
परमाणु- किसी तत्त्व का सबसे सूक्ष्म कण परमाणु है। ये इलेक्ट्रॉन, प्रोटान एवं न्यूट्रॉन से मिलकर बने होते हैं।
आयन- किसी तत्त्व के परमाणु का इलेक्ट्रॉन ग्रहण करने या त्याग करने से परमाणु के परिवर्तित रूप को आयन कहते हैं। आयन दो प्रकार हैं धनायन तथा ऋणायन। उदाहरण: Na एक इलेक्ट्रॉन खोता है तो यह Na+ आयन बनाता है। जब इलेक्ट्रॉन ग्रहण करता है तो Na- आयन बनाता है।
8. सहसंयोजक बंधन कितने प्रकार के होते हैं और ये कैसे बनते हैं?
उत्तर:-
सहसंयोजक बंधन तीन प्रकार के होते हैं-
एकल सहसंयोजक बंधन (Single Covalent bond)
द्विक सहसंयोजक बंधन (Double Covalent bond)
त्रिक सहसंयोजक बंधन (Triple Covalent bond)
जब दो परमाणु आपस में इलेक्ट्रॉनों का साझा करके बंध बनाते हैं तो यह सहसंयोजक बंधन कहलाते हैं तथा ऐसे यौगिक सह संयोजक यौगिक कहलाते हैं। इसमें यौगिक के परमाणु के इलेक्ट्रॉनों के बीच परस्पर साझेदारी होती है।
9. आप कैसे प्रमाणित करेंगे कि कार्बन टेट्राक्लोराइड विद्युत का कुचालक होता है?
उत्तर:-
कार्बन टेट्राक्लोराइड उदासीन अणुओं से बने होते हैं। ये आयन से नहीं बने हैं। इस कारण यह जलीय विलयन या पिघली अवस्था में आयन उत्पन्न नहीं करता है। इसलिए यह विद्युत का कुचालक होता है।
10. सोडियम क्लोराइड जल में घुल जाता है, किन्तु कार्बन टेट्राक्लोराइड नहीं, क्यों?
उत्तर:-
सोडियम क्लोराइड जल में घुल जाता है, इसका कारण यह है कि जल के अणु सोडियम क्लोराइड जैसे यौगिक में विद्यमान आयनों के साथ पारस्परिक क्रिया करते हैं जिससे सोडियम क्लोराइड में उपस्थित आयनों के बीच का आकर्षण बल कमजोर होकर टूट जाता है और आयन अलग अलग हो जाते हैं। परिणामस्वरूप सोडियम क्लोराइड जल में घुल जाता है। किन्तु दूसरी ओर कार्बन टेट्राक्लोराइड जल में नहीं घुलता है; क्योंकि कार्बन टेट्राक्लोराइड जैसे कार्बनिक विलायक के साथ ऐसी कोई बात नहीं होती है।
11. CH4 और CO2 का इलेक्ट्रॉनिक संरचना लिखें।
उत्तर:-
H
|
CH4 ----> H-----C-----H
|
H
CO2 ----> O = C = O
12. किसी रासायनिक यौगिक के बनने में संयोजी इलेक्ट्रॉनों की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:-
रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले इलेक्ट्रान ही संयोजी इलेक्ट्रान कहलाते हैं। संयोजी इलेक्ट्रॉन ही तत्त्वों के साथ बंधन बनाकर यौगिक का निर्माण करते हैं। इस कारण इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
13. किसी तत्त्व A की परमाणु संख्या 12 है और दूसरे तत्व B की परमाणु संख्या 17 है। A और B के संयोग से बने यौगिक का सूत्र लिखें।
उत्तर:-
A (12) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ----- 2, 8,2
B (17) का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास ---- 2,8,7
A धातु मैग्नीशियम (Mg) तथा B धातु क्लोरीन (Cl ) है। इसके संयोग से मैग्नीशियम क्लोराइड (MgCl2) बनता है।
14.
i. अमोनिया के अणु के कुल कितने सहसंयोजक बंधन है?
ii. सोडियम अणु कहना क्या सही है?
उत्तर:-
i. अमोनिया के अणु में कुल 3 सहसंयोजक बंधन है।
ii. हाँ, सोडियम को अणु कहना उचित है।
15. X और Y तत्त्वों के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास निम्नलिखित हैं -
X - 2,6
Y - 2,8,8,2
X और Y के बीच बनने वाले बंधन की प्रकृति बताएं।
उत्तर:-
X का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,6 अर्थात यह O है।
Y का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8,8,2 अर्थात यह Ca है।
Or,
Ca2+ + O2- -------> CaO यह वैद्युत संयोजी बंधन बनाते हैं।
अर्थात CaO आयनिक यौगिक का निर्माण करते हैं।
16. एक परमाणु A दूसरे परमाणु B को दो इलेक्ट्रॉन प्रदान कर एक यौगिक बनाता है, तो A की संयोजकता और B की अंतिम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या बताएं।
उत्तर:-
A की संयोजकता 2 है और B की अंतिम कक्षा में इलेक्ट्रॉनों की संख्या 6 है। अतः A और B मिलकर मैग्नीशियम आक्साइड (MgO) यौगिक बनायेंगे जिसमें उपस्थित आयनज्ञ Mg2+ और O2- है।
17. हाइड्रोजन अणु (H2) के बनने में दोनों हाइड्रोजन परमाणु अष्टक प्राप्त नहीं करते, फिर भी हाइड्रोजन का अणु काफी स्थायी होता है, क्यों?
उत्तर:-
हाइड्रोजन के एक अणु को बनाने के लिए, दोनों परमाणु अपने एक इलेक्ट्रॉन को एक दूसरे के साथ साझा करते हैं। इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप, 1S ऑर्बिट में दो इलेक्ट्रान हो जाता है। और इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास हीलियम के जैसा हो जाता है। इस प्रकार हाइड्रोजन भी, हीलियम के तरह बिना अष्टक पूरा किये ही स्थायी हो जाता है।
18. A, B और C तीन तत्त्वों की परमाणु संख्याएँ क्रमशः 8,10 और 20 है। इनमें अक्रिय गैस की पहचान करें।
उत्तर:-
A तत्व की परमाणु संख्या 8, B तत्व की परमाणु संख्या 10 और C तत्व की परमाणु संख्या 20 है। इनमें B जिसका परमाणु संख्या 10 है वह अक्रिय गैस है। क्योंकि इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,8 है जबकि गैस होने के लिए आखिरी शेल यानी संयोजी शेल में अष्टक पूरा होना चाहिए।
19. आक्सीजन परमाणु का इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2,6 है। इसकी संयोजकता ज्ञात करें।
उत्तर:-
आक्सीजन परमाणु की संयोजकता 6 है; क्योंकि आखिरी शेल में 6 इलेक्ट्रॉन है जो संयोजकता के द्योतक है।
20. निम्नलिखित में वैद्युत संयोजक और सहसंयोजक यौगिकों का चयन करें।
उत्तर:-
वैद्युत संयोजक यौगिक ---- पोटैशियम क्लोराइड, अमोनियम क्लोराइड, कापर सल्फेट
सहसंयोजक यौगिक ---- ग्लूकोस, कार्बन टेट्राक्लोराइड, ऐसीटिलीन, यूरिया
21. जल में विलेय दो सहसंयोजक यौगिकों के नाम लिखें।
उत्तर:- ग्लूकोज, यूरिया
22. मैग्नेटाईट में एक अचुम्बकीय पदार्थ मिश्रित है। इन्हें अलग करने की एक विधि का उल्लेख करें।
उत्तर:-
मैग्नेटाईट में एक अचुम्बकीय पदार्थ मिश्रित है इन्हें अलग करने की एक सर्वाधिक उपयुक्त विधि इस प्रकार है।
चुम्बकीय पृथक्करण विधि :
यह विधि वैसे अयस्कों के लिए प्रयुक्त होती है जब अयस्क और उसमें विद्यमान अपद्रव्यों में कोई एक चुम्बकीय हो। उदाहरण के लिए, टिन के अयस्क टिनस्टोन में उल्फ्राम अपद्रव्य के रूप में उपस्थित रहता है जो चुम्बकीय होता है। टिनस्टोन अयस्क को पीसकर महीन चूर्ण बना दिया जाता है। अब इस चूर्ण को एक विद्युत चुम्बकीय बेलनों के बेल्ट पर डालकर मशीन को चालू कर दिया जाता है। उल्फ्राम मैग्नेटाईट चुम्बकीय होने के कारण चुम्बक की ओर आकर्षित होकर एक पात्र में गिरता है, जबकि अचुम्बकीय पदार्थ उससे दूर होकर एक अलग पात्र में गिरता है। इस प्रक्रिया द्वारा सांद्रित मैग्नेटाईट अयस्क प्राप्त किया जाता है। अतः इस प्रक्रिया द्वारा मैग्नेटाईट में मिले अचुम्बकीय पदार्थ को आसानी से अलग किया जा सकता फलतः शुद्ध मैग्नेटाईट प्राप्त किया जा सकता है।
23. भर्जन क्या है? उदाहरण देकर समझाएँ।
उत्तर:-
भर्जन एक ऐसी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें सांद्रित अयस्क को पर्याप्त वायु की आपूर्ति में अयस्क के द्रवणांक से कम ताप पर तीव्रता से गर्म किया जाता है जिससे उसमे उपस्थित अपद्रव्य आर्सेनिक तथा अन्य अपद्रव्य आक्सीकृत होकर बाहर निकल जाते हैं और धातु आक्साइड के रूप में परिवर्तित हो जाता है।
जैसे-- 2ZnS + 3O2 -----> 2Zno + 2So2
24. प्रगलन में द्रावक की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:-
द्रावक वह पदार्थ है जिसे निस्तापित या जारित अयस्क एवं कोक के साथ मिश्रित कर मिश्रण को गर्म किया जाता है। ऐसा करने से अयस्क में विद्यमान अद्रवणशील अपद्रव्य दूर जाते हैं। इस प्रकार प्रगलन में द्रावक की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। क्योंकि इसी की सहायता से अयस्क में मौजूद अपद्रव्य को दूर किया जाता है।
25. सोडियम को किरोसिन में क्यों डुबाकर रखा जाता है?
उत्तर:-
सोडियम सक्रिय धातु है जो वायु में उपस्थित आक्सीजन से क्रिया करके सोडियम आक्साइड बनाती है। यह पानी से क्रिया कर सोडियम हाइड्रॉक्साइड तथा हाइड्रोजन उत्पन्न करती है। इसे वायु में खुला छोड़ देने पर आग पकड़ लेती है, इसलिए इसे मिट्टी के तेल में डुबोकर सुरक्षित रखते हैं।
26. धातुओं के संक्षारण से क्या समझते हैं?
उत्तर:-
धातुओं की सतह का वायु, नमी, CO2, SO2 अथवा रसायनों आदि के प्रभाव से क्षय होने या नष्ट होने को संक्षारण कहते हैं। लोहे नमी एवं आक्सीजन या वायु से अभिक्रिया कर Fe2O3 का परत बना लेता है जो भूरे रंग का होता है। यह प्रक्रिया जंग लगना कहलाता है। जंग लोहे को धीरे धीरे नष्ट कर देता है।
27. धातुओं के शोधन की एक विधि का वर्णन करें।
उत्तर:-
धातुओं के शोधन की कई प्रचलित विधियाँ हैं। उनमें एक विधि इस प्रकार हैं --
द्रवण विधि :
इस विधि के द्वारा कम द्रवणांक वाली धातुओं (टिन, लेड आदि) को उच्च द्रवणांक वाली धातुओं से अलग किया जाता है। इस विधि में एक मालुम भट्ठी का इस्तेमाल किया जाता है। इस भट्ठी का ताप धातु के द्रवणांक से थोड़ा अधिक रखा जाता है। अशुद्ध धातु को भट्ठी के सिरे पर रखते हैं। धातु द्रवित होकर भट्ठी के निचले भाग (ढलकाव) की ओर बहने लगती है, किन्तु अद्रवणशील अपद्रव्य पीछे ही छूट जाते हैं।
28. मिश्रधातु क्या है? किन्हीं दो मिश्रधातुओं के नाम और उपयोग लिखें।
उत्तर:-
दो या अधिक धातुओं अथवा एक धातु एवं एक अधातु का समांग मिश्रण मिश्रधातु कहलाता है। इच्छित धातुओं को उपयुक्त मात्रा में मिश्रित कर मिश्रण को गर्म करके पिघला देते हैं। पिघले हुए द्रव को ठंडा करके ठोस रूप में परिवर्तित कर दिया जाता है। फलस्वरूप प्राप्त ठोस पदार्थ मिश्रधातु कहलाता है।
दो मिश्रधातु के नाम निम्न हैं-
पीतल - इसका उपयोग तरह तरह के बर्तन, नालियां एवं कारतूस बनाने में किया जाता है।
ब्रोंज - इसका उपयोग मूर्तियाँ, सिक्के, जहाज, मशीन आदि के निर्माण में किया जाता है।
29. लोहा और तांबा के दो दो अयस्कों के नाम लिखें।
उत्तर:-
लोहा --- हेमेटाइट, मैग्नेटाईट
तांबा --- कापर पाइराइट, मैलेकाइट
30. धातुकर्म किसे कहते हैं?
उत्तर:- अयस्कों से धातुओं के निष्कर्षण एवं उनके शोधन की प्रक्रिया को धातुकर्म कहते हैं। धातुकर्म में प्रयुक्त होने वाले कुछ मुख्य पद होते हैं जो इस प्रकार हैं--
आधात्रि, अयस्क का सांद्रण, निस्तापन, जारण, द्रावक, धातुमल, प्रगलन
31. सोडियम धातु के निष्कर्ष का सिद्धांत लिखें।
उत्तर:-
सोडियम धातु के निष्कर्षण इस प्रकार हैं-
सोडियम धातु मुख्यतः द्रवित पेट्रोलियम क्लोराइड (NaCl) का वैद्युत अपघटन करके प्राप्त की जाती है। चूंकि सोडियम क्लोराइड का द्रवणांक काफी उच्च (820°C) होता है। अतः इसके द्रवणांक को कम करने के लिए इसमें थोड़ा कैल्सियम क्लोराइड मिश्रित कर दिया जाता है। द्रवित मिश्रण का वैद्युत अपघटन करने पर सोडियम धातु कैथोड पर एवं क्लोरीन गैस ऐनोड पर मुक्त होती है।
NaCl -----> Na+ + Cl-
इसमें प्रयुक्त विधि को डाउन की विधि कहते हैं। मिश्रण में उपस्थित कैल्सियम क्लोराइड का वैद्युत अपघटन नहीं होता है।
32. ऐलुमिनियम विधि क्या है?
उत्तर:-
कुछ धातुओं के आक्साइड Cr2O3, MnO4, इत्यादि कार्बन द्वारा अवकृत नहीं किए जा सकते हैं, क्योंकि कार्बन के साथ उच्च ताप पर ये कार्बाइड बनाते हैं। ऐसी स्थिति में अवकरण की क्रिया एलुमिनियम धातु द्वारा करायी जाती है। इसी प्रक्रिया को एलुमिनोथर्मिअ विधि कहते हैं।
Cr2O3 + 2Al -----> 2Cr2 + 2Al2O2
33. पीतल एवं कांसे के अवयव तत्त्व बतायें।
उत्तर:-
पीतल : Cu - 80%, Zn - 20%
कांसे : Cu - 90℅, Sn - 10%